उसकी यादों ने पागल बना रखा है,
कही मर ना जाऊं कफ़न सिला रखा है,
मेरा दिल निकाल लेना दफ़नाने से पहले,
वो ना दब जाए जिसे दिल मे बसा रखा है !!!
गुज़र गया दिन अपनी तमाम रौनके लेकर ….
ज़िन्दगी ने वफ़ा कि तो कल फिर सिलसिले होंगे !!!
कुछ ऐसी मोहहब्बत उसके दिल में भर दे ऐ खुदा
के वो जिसे भी चाहे वो मैं बन जाऊ !!!
इतने यकीन से तो हम कह नहीं सकते
की आपको याद रख पाएंगे
पर इतना वादा जर्रूर कर सकते है
ज़िन्दगी मई आपको कभी भुला नहीं पाएंगे !!!
यादों में हम रहे ये एहसास रखना,
नज़रों से दूर सही दिल के पास रखना,
ये नहीं कहते के साथ रहो,
दूर सही पर याद रखना !!!
सुना है काफी पढ़ लिख गए हो तुम….
कभी वो भी तो पढ़ो जो हम कह नहीं पाते…!
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ;
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ;
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू;
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।